दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 2142 के पायलट ने टर्बुलेंस में फंसने के बाद आपातकालीन स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान से एयरस्पेस में घुसने की अनुमति मांगी थी, लेकिन पाकिस्तान ने इनकार कर दिया। जिसके बाद पायलट ने समय रहते फ्लाइट को श्रीनगर में उतारा। जिससे उसमें सवार 227 लोगों की जान बच सकी।
यह फ्लाइट 21 मई को अमृतसर के ऊपर से गुजर रही थी। इसी दौरान पायलट को हल्के झटके महसूस हुए। पायलट को वैकल्पिक रास्ते की जरूरत पड़ी। उसने लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से पाकिस्तान के एयरस्पेस में जाने की अनुमति मांगी, लेकिन अनुमति नहीं दी गई।
लाहौर ATC के इनकार के बाद फ्लाइट को अपने तय रूट पर ही उड़ान जारी रखनी पड़ी। कुछ ही देर में जहाज भीषण झटकों की चपेट में आ गया। हवा की तीव्र हलचल के चलते विमान के भीतर यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। फ्लाइट में मौजूद 227 लोगों को जान का खतरा महसूस हुआ। बच्चों के रोने और यात्रियों के प्रार्थना करने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
श्रीनगर में इमरजेंसी लैंडिंग, टूटा नोज कोन
फ्लाइट जैसे-तैसे श्रीनगर पहुंची जहां पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग करवाई। उतरते ही जब जांच की गई, तो विमान का आगे का हिस्सा यानी नोज कोन टूट चुका था। ऐसे खराब मौसम में सुरक्षित लैंडिंग के बाद लोगों ने पायलट की सराहना की।
राजनीतिक डेलिगेशन भी फ्लाइट में मौजूद
विमान में मौजूद यात्रियों में तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष भी थीं। उन्होंने बताया कि ऐसा लग रहा था जैसे यह जिंदगी की आखिरी यात्रा हो। उन्होंने कहा, “मौत सामने थी, लोग भगवान को पुकार रहे थे।”
इंडिगो और DGCA की प्रतिक्रिया
इंडिगो ने बयान जारी कर कहा कि ओलावृष्टि के चलते फ्लाइट को टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा, लेकिन सभी यात्री सुरक्षित हैं। फ्लाइट की जांच और मरम्मत जारी है। DGCA ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
क्या होता है टर्बुलेंस?
टर्बुलेंस का मतलब होता है हवा में असमान बहाव जो विमान की स्थिरता को बिगाड़ देता है। इससे विमान असामान्य गति से हिलने लगता है। हल्का टर्बुलेंस सामान्य होता है, पर गंभीर स्थिति में विमान कुछ मीटर नीचे गिरने लगता है, जिससे यात्रियों में घबराहट फैल जाती है। यह अनुभव ठीक वैसा होता है, जैसे उबड़-खाबड़ सड़क पर गाड़ी चलाना।