Tuesday, April 29, 2025
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दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस वर्मा के घर में स्टोर रूम सील, पुलिस जांच में जुटी, अधजले नोटों से भरी बोरियों का सच सामने आएगा?

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर अधजले नोटों के बंडल मिलने के मामले में जांच तेज हो गई है। बुधवार को दिल्ली पुलिस ने उनके घर के उस स्टोर रूम को सील कर दिया, जहां से जले हुए नोट बरामद किए गए थे। डीसीपी नई दिल्ली देवेश की अगुआई में टीम ने जांच शुरू कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर की मांग पर जताई सख्ती

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग पर याचिकाकर्ता एडवोकेट मैथ्यूज जे नेदुम्परा को सार्वजनिक बयानबाजी न करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी है। मैथ्यूज ने हालांकि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अधजले नोटों के वीडियो को सार्वजनिक कर सही कदम उठाया है।

जांच के घेरे में जले हुए नोटों की बरामदगी

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जस्टिस वर्मा के कर्मचारियों से भी पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नोट वहां कैसे पहुंचे और उनका स्रोत क्या है।

14 मार्च को लगी थी आग, फायर ब्रिगेड को मिले थे अधजले नोट

होली के दिन 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के घर आग लगने की खबर आई थी। जब फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने पहुंची, तो स्टोर रूम में बोरियों में भरे हुए 500-500 रुपये के अधजले नोट पाए गए। इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया।

तीन सदस्यीय जांच कमेटी कर रही जांच

सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने मंगलवार को जस्टिस वर्मा के घर पहुंचकर मामले की जांच की। टीम ने उस स्टोर रूम का निरीक्षण भी किया, जहां जले हुए नोट मिले थे। कमेटी में शामिल जस्टिस शील नागू (पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस), जस्टिस जी एस संधावालिया (हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस) और जस्टिस अनु शिवरामन (कर्नाटक हाईकोर्ट) इस पूरे मामले की पड़ताल कर रहे हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का विरोध

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा को वापस भेजे जाने का विरोध किया है। 23 मार्च को बार एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित कर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने और मामले की जांच ईडी और सीबीआई से कराने की मांग की। यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के CJI को भी भेजा गया है।

कैसे उठा यह विवाद?

14 मार्च को जस्टिस वर्मा के घर आग लगी और वहां अधजले नोटों की बोरियां मिलने से मामला तूल पकड़ गया।

  • 21 मार्च: कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने यह मामला राज्यसभा में उठाया और न्यायिक जवाबदेही पर सवाल खड़े किए।
  • 22 मार्च: CJI संजीव खन्ना ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई और दिल्ली हाईकोर्ट से जस्टिस वर्मा को कोई काम न देने के लिए कहा।
  • 22 मार्च (रात): सुप्रीम कोर्ट ने 15 करोड़ रुपये कैश मिलने का वीडियो सार्वजनिक किया।
  • 23 मार्च: जस्टिस वर्मा से दिल्ली हाईकोर्ट ने कार्यभार वापस ले लिया।
  • 23 मार्च: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई।

क्या हो सकते हैं आगे के कदम?

मामले की जांच जारी है, और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो CJI संजीव खन्ना आगे की कार्रवाई कर सकते हैं:

  1. जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने की सलाह दी जा सकती है।
  2. यदि वे इस्तीफा नहीं देते, तो दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को निर्देश दिया जा सकता है कि उन्हें कोई नया कार्य न सौंपा जाए।
  3. CJI, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जांच कमेटी की रिपोर्ट देकर आगे की कार्रवाई की सिफारिश कर सकते हैं।
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  • जले हुए नोटों का मामला: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से 500-500 के अधजले नोट मिले, पुलिस ने स्टोर रूम सील किया।
  • सुप्रीम कोर्ट का आदेश: याचिकाकर्ता को सार्वजनिक बयान देने से रोका, FIR की मांग पर सुनवाई जारी।
  • जांच कमेटी गठित: सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई, जो जस्टिस वर्मा के घर की जांच कर रही है।
  • हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का विरोध: इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा की वापसी का विरोध किया और महाभियोग प्रस्ताव की मांग की।
  • राजनीतिक प्रतिक्रिया: कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने संसद में न्यायिक जवाबदेही का मुद्दा उठाया, ED और CBI जांच की मांग की जा रही है।
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