सोमवार, जून 16, 2025
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वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास, 288 वोट पक्ष में, 232 विरोध में, अब राज्यसभा में होगा पेश

वक्फ संशोधन बिल 2024 बुधवार को लोकसभा में 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद पास हो गया। वोटिंग में कुल 520 सांसदों ने भाग लिया, जिसमें 288 ने बिल के पक्ष में और 232 ने विरोध में वोट डाले।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को “यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट” (उम्मीद) नाम दिया है। अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

ओवैसी ने विरोध में बिल फाड़ा, बोले- मुसलमानों को जलील करने का प्रयास

चर्चा के दौरान AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का कड़ा विरोध करते हुए इसे फाड़ दिया। उन्होंने कहा, “इस बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है। मैं गांधी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं।”

अमित शाह का बयान – वक्फ में गैर-इस्लामिक प्रवेश का कोई प्रावधान नहीं

गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के दौरान कहा, “वक्फ में गैर-इस्लामिक का प्रवेश नहीं होगा। ऐसा कोई प्रावधान बिल में नहीं है। विपक्ष वोट बैंक के लिए अल्पसंख्यकों को डरा रहा है।”

रिजिजू बोले- वक्फ के दावे से संसद भी बच नहीं पाती

रिजिजू ने अपने भाषण में कहा कि अगर यह संशोधन बिल नहीं लाया जाता तो जिस इमारत में सांसद बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में नहीं आई होती, तो कई अन्य संपत्तियां भी गैर-अधिसूचित हो गई होतीं।

विपक्ष का आरोप- घर-दुकान छीनने की साजिश

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने बिल का कड़ा विरोध किया और इसे मुस्लिमों से उनके घर-दुकान छीनने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि न तो इस बिल की नीति सही है और न नीयत। वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी ने इसे मुस्लिम समुदाय के लिए ‘बैकबोन’ बताते हुए बिल का विरोध किया और इसे पूरी तरह धार्मिक मामला बताया।

शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि धारा 370, ट्रिपल तलाक, CAA के बाद अब गरीब मुस्लिमों के उद्धार के लिए वक्फ बिल लाया गया है।

शिवसेना (उद्धव गुट) का सवाल- क्या मंदिर बोर्ड में गैर-हिंदू होंगे?

शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद अरविंद सावंत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य लाने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा हुआ तो आगे चलकर हिंदू मंदिरों, सिख गुरुद्वारों और अन्य धार्मिक संस्थानों पर भी ऐसा फैसला लागू किया जा सकता है।

जेडीयू का समर्थन, डीएमके ने किया विरोध

केंद्र सरकार में पंचायती राज मंत्री और जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि यह बिल मुसलमान विरोधी नहीं है, बल्कि इससे वक्फ बोर्ड की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। उन्होंने इसे धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि ट्रस्ट करार दिया जो मुस्लिम कल्याण के लिए काम करता है।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सांसद ए. राजा ने मंत्री रिजिजू के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर उनकी स्पीच को JPC रिपोर्ट से मिला दिया जाए, तो दोनों एक जैसी मिलेंगी। उन्होंने इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा कि यह बिल संसद के जरिए पूरे देश पर थोपा जा रहा है।

TDP का दावा- वक्फ संपत्ति का सही इस्तेमाल हो

TDP सांसद कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने 15 मिनट तक अपनी बात रखते हुए कहा कि वक्फ के पास 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, लेकिन इसका सही प्रबंधन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह संपत्ति मुस्लिमों और महिलाओं के कल्याण के लिए इस्तेमाल होनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी पार्टी द्वारा दिए गए तीन सुझावों को बिल में शामिल किया गया है।

रविशंकर प्रसाद का तीखा हमला

बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने वक्फ संपत्तियों को लेकर कहा कि भारत में वक्फ की 8 लाख से अधिक संपत्तियां हैं, जिनका दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि पटना में एक सरकारी तालाब को भी वक्फ संपत्ति बताकर कब्जे का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि अगर इस पर रोक नहीं लगाई गई तो आगे चलकर पूरे देश को वक्फ घोषित करने का दावा किया जा सकता है।

AIMPLB का ऐलान- बिल पास हुआ तो देशभर में आंदोलन

संसद के बाहर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस बिल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। AIMPLB के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि अगर यह बिल संसद में पास हो जाता है, तो हम देशभर में आंदोलन करेंगे। उन्होंने इसे भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक बताया।

लोकसभा में इस बिल पर चर्चा जारी है और आने वाले दिनों में इस पर वोटिंग हो सकती है। इस बिल को लेकर देशभर में राजनीतिक बयानबाजी और बहस तेज हो चुकी है।

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