रविवार, जून 15, 2025
spot_img
होमटॉप न्यूजऑपरेशन सिंदूर बाजार में ताकत, सेंसेक्स-निफ्टी में उछाल, निवेशकों में लौटी तेजी

ऑपरेशन सिंदूर बाजार में ताकत, सेंसेक्स-निफ्टी में उछाल, निवेशकों में लौटी तेजी

भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने बुधवार को शेयर बाजार की दिशा पलट दी। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों गिरावट के साथ खुले थे, लेकिन जैसे-जैसे सेना की कार्रवाई की खबरें सामने आईं, बाजार में तेज़ी लौट आई।

बुधवार सुबह 9:30 बजे तक सेंसेक्स करीब 398 अंक गिरकर 80,242.64 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 24.35 अंकों की गिरावट के साथ 24,355.25 पर पहुंच गया था। कुछ ही देर में यह गिरावट और गहरी हुई और सेंसेक्स 600 अंक तक लुढ़क गया, वहीं निफ्टी 24,250 के नीचे फिसल गया।

लेकिन जैसे ही सेना की बड़ी कार्रवाई की पुष्टि की खबरें सामने आईं, बाजार ने सकारात्मक रुख अपनाया और सेंसेक्स करीब 100 अंक चढ़ गया। निफ्टी ने भी 24,400 के पार जाकर निवेशकों में भरोसा वापस ला दिया। यह रुझान दर्शाता है कि देश की रणनीतिक और सुरक्षा कार्रवाइयों का सीधा असर निवेशकों के सेंटिमेंट पर पड़ता है।

एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख

दुनियाभर के शेयर बाजारों में बुधवार को उतार-चढ़ाव का माहौल रहा। निफ्टी में जहां हल्की गिरावट देखी गई, वहीं विदेशी बाजारों से मिले संकेत काफी मिश्रित रहे:

  • निक्केई में 0.05% की गिरावट दर्ज की गई और यह 36,813.78 पर पहुंचा।
  • ताइवान बाजार 0.11% गिरकर 20,518.36 पर बंद हुआ।
  • हैंगसेंग इंडेक्स ने 1.31% की बढ़त हासिल कर 22,959.76 का स्तर छुआ।
  • कोस्पी में भी 0.31% और शंघाई कंपोजिट में 0.62% की तेजी देखने को मिली।

ऐसे माहौल में भारत का बाजार स्थिर रहना और बाद में तेज़ी दिखाना, भारत की आर्थिक लचीलता और निवेशक विश्वास का संकेत है।

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से निवेश और व्यापार को नया बल

सिर्फ घरेलू सुरक्षा घटनाएं ही नहीं, बल्कि भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बनी सहमति भी वित्तीय दृष्टिकोण से अहम मानी जा रही है। इस समझौते के बाद कई आयातित वस्तुओं पर सीमा शुल्क में कटौती की गई है, जिससे भारत में उन वस्तुओं के दाम घटने की उम्मीद है।

इनमें ब्रिटिश व्हिस्की, जगुआर-लैंड रोवर जैसी लक्ज़री गाड़ियाँ और अन्य उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद शामिल हैं। दूसरी ओर, ब्रिटेन में भारतीय वस्तुओं के लिए भी शुल्क कटौती की गई है और पढ़ाई और नौकरी के लिए वीज़ा नियमों में ढील दी गई है। यह समझौता बायलेट्रल ट्रेड को मजबूत करेगा और निवेश के नए रास्ते खोलेगा।

निवेशकों के लिए क्या है संकेत?

  • शेयर बाजार की चाल सुरक्षा स्थितियों और वैश्विक संकेतों पर निर्भर कर रही है।
  • ऑपरेशन सिंदूर ने बाजार को मनोवैज्ञानिक मजबूती दी है, लेकिन निवेशकों को सतर्कता बनाए रखनी चाहिए।
  • एफटीए जैसे समझौते लॉन्ग टर्म निवेश के लिहाज़ से महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

इस समय स्मार्ट निवेश रणनीति, वॉलैटिलिटी का आंकलन, और डायवर्सिफिकेशन पर ध्यान देना जरूरी है। आर्थिक मोर्चे पर हालिया घटनाएं इस ओर इशारा कर रही हैं कि भारत की वित्तीय स्थिति मजबूत है, लेकिन बाजार की दिशा किसी भी समय बदल सकती है।

अन्य खबरें