कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को अपने प्रस्तावित NSUI शिक्षा न्याय संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेने दरभंगा पहुंचे, लेकिन ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी कैंपस से करीब 3 किलोमीटर पहले ही प्रशासन ने उनका काफिला रोक दिया। इसके बाद राहुल का काफिला टाउन हॉल की ओर रवाना हो गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य दलित और अल्पसंख्यक छात्रों से संवाद करना था। राहुल गांधी की मंशा पहले अंबेडकर छात्रावास में छात्रों से बातचीत की थी, लेकिन प्रशासन की ओर से इसके लिए अनुमति नहीं दी गई।
कांग्रेस नेता और प्रशासन में टकराव
राहुल गांधी के दरभंगा पहुंचने से पहले ही कार्यक्रम स्थल को लेकर विवाद गहराने लगा। कांग्रेस नेताओं और प्रशासन के बीच तीखी बहस सामने आई।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने स्पष्ट कहा – “हम हर हाल में अंबेडकर छात्रावास जाएंगे।”
वहीं, NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी ने आरोप लगाया कि यह कार्यक्रम NDA सरकार के दबाव में रोका गया है, जो दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
प्रशासन ने दी सफाई, कहा- सिर्फ नियमों के अनुसार लिया गया निर्णय
दरभंगा के जिलाधिकारी राजीव रौशन ने सफाई दी कि किसी मंत्री या राजनीतिक दबाव के तहत यह निर्णय नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा- “देशभर में छात्रावासों में इस तरह के कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दी जाती। राहुल गांधी के अनुरोध पर ही टाउन हॉल की अनुमति दी गई है।”
क्या है शिक्षा न्याय संवाद? कांग्रेस का नया अभियान
शिक्षा न्याय संवाद, कांग्रेस का नया संपर्क अभियान है, जिसका उद्देश्य बिहार की शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को उजागर करना है।
इस संवाद के जरिए जुटे फीडबैक से ‘न्याय पत्र’ तैयार किया जाएगा, जिसे आगामी बिहार चुनाव में कांग्रेस अपने घोषणापत्र में शामिल करेगी।
यह पहली बार है जब कांग्रेस ने इस तरह का संवाद शुरू किया है। यह अभियान डेढ़ महीने तक चलेगा और 70 स्थानों पर आयोजित होगा, जिनमें टाउन हॉल और हॉस्टल दोनों शामिल होंगे।
70 स्थानों पर शिक्षा संवाद, बड़े नेताओं की मौजूदगी
इस कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस ने बड़े स्तर पर तैयारी की है। सुप्रिया श्रीनेत, अशोक गहलोत, कन्हैया कुमार, दीपेंद्र हुड्डा, मालविका मोहन, रागिनी नायक जैसे नेता इस अभियान में भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम के बाद राहुल गांधी पटना में कांग्रेस नेताओं के साथ सिटी सेंटर मॉल में “फुले” फिल्म भी देखेंगे।