रामनवमी से पहले पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी गई है। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन इस बार किसी भी स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार नजर आ रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रविवार सुबह से ही पूरे राज्य में धार्मिक जुलूस और कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी। सिर्फ कोलकाता में ही 60 से ज्यादा रामनवमी की रैलियां निकलने की संभावना है।
कोलकाता पुलिस ने उतारे 3,500 से ज्यादा जवान
कोलकाता पुलिस ने किसी भी संभावित गड़बड़ी से निपटने के लिए 3,500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। इन जवानों की निगरानी डिप्टी कमिश्नर और जॉइंट कमिश्नर स्तर के अधिकारी करेंगे। रैलियों पर नजर रखने के लिए पूरे शहर में ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी लगाए गए हैं। खास तौर पर एंटली, कसिपोर, खिदिरपुर और चितपुर जैसे संवेदनशील इलाकों में क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) की तैनाती कर दी गई है।
लालबाजार से होगी रैलियों की लाइव मॉनिटरिंग
कोलकाता पुलिस का मुख्यालय लालबाजार इन तमाम रैलियों पर सीधी नजर रखेगा। 20 से अधिक आईपीएस अधिकारियों को अलग-अलग इलाकों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह सख्ती सिर्फ रविवार तक सीमित नहीं रहेगी। पुलिस की यह मुस्तैदी 7 अप्रैल तक जारी रहेगी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके।
जिलों में भी कड़ी सुरक्षा, वरिष्ठ अधिकारी मैदान में
राजधानी कोलकाता के साथ-साथ हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, आसनसोल, पूर्व व पश्चिम बर्धमान, मालदा, मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी जैसे जिलों में भी सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। इन जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद हालात की निगरानी कर रहे हैं।
सांकराइल में रैली, तलवार-त्रिशूल की झलक भी
शनिवार को हावड़ा के सांकराइल इलाके में देवी सिंहवाहिनी की पूजा के मौके पर लोगों ने पारंपरिक ढंग से रैली निकाली। रैली में लोगों ने तलवार और त्रिशूल की कार्डबोर्ड प्रतिकृतियां लेकर हिस्सा लिया। बंगाल में यह दिन अन्नपूर्णा पूजा के रूप में मनाया जाता है, जो रामनवमी से पहले का खास त्योहार माना जाता है।
राजनीति भी गर्माई, TMC और BJP आमने-सामने
रामनवमी पर इस बार सिर्फ बीजेपी और हिंदूवादी संगठन ही नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी रैलियों की घोषणा की है। 2026 विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दलों की सक्रियता तेज हो गई है। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि इस बार करीब 1.5 करोड़ हिंदू रामनवमी के अवसर पर सड़कों पर उतरेंगे और 2,000 से अधिक रैलियां निकाली जाएंगी।
पिछले साल हुई थी हिंसा, प्रशासन इस बार अलर्ट
रामनवमी पर सुरक्षा को लेकर प्रशासन की चिंता इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि 2023 में हावड़ा के शिबपुर इलाके में रैली के दौरान हिंसा, आगजनी और सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं। हालात को काबू में लाने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती करनी पड़ी थी और धारा 144 भी लगाई गई थी। इतना ही नहीं, 2022 में भी शिबपुर और ऋषरा में इसी तरह के तनावपूर्ण हालात बने थे।

- केवल कोलकाता में 60 से अधिक धार्मिक रैलियों के निकलने की संभावना, रविवार सुबह से शुरुआत।
- 3,500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात, जिनकी निगरानी डिप्टी कमिश्नर और जॉइंट कमिश्नर स्तर के अधिकारी करेंगे।
- ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी के जरिए निगरानी, एंटली, खिदिरपुर, चितपुर जैसे इलाकों में क्विक रिस्पांस टीम (QRT) भी तैनात।
- लालबाजार पुलिस मुख्यालय से रैलियों की लाइव स्ट्रीमिंग पर रखी जाएगी नज़र, 20 से अधिक आईपीएस अधिकारियों को ज़िम्मेदारी सौंपी गई।
- 2026 विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया, बीजेपी, टीएमसी और अन्य संगठनों की रैलियों का भी ऐलान।