जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से वन्यजीव प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। बाघिन रानी ने रविवार को एक साथ पांच शावकों को जन्म दिया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार सभी शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं और रानी खुद उनकी देखरेख कर रही है। दिलचस्प बात यह है कि यह राजस्थान के इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी बाघिन ने एक साथ पांच बच्चों को जन्म दिया है।
चार गोल्डन, एक व्हाइट शावक
वन विभाग की टीम ने बताया कि नवजात शावकों में चार का रंग सुनहरा (गोल्डन) है, जबकि एक शावक सफेद (व्हाइट) रंग का है। फिलहाल, बाघिन और उसके शावकों पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि उनकी सुरक्षा और सेहत का पूरा ध्यान रखा जा सके।
गर्मी से बचाव के लिए खास इंतजाम
डीसीएफ विजयपाल सिंह ने जानकारी दी कि बाघिन और शावकों को गर्मी से बचाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। उनके रहने वाले स्थान के पास कूलर लगाए गए हैं और टाट की बोरियां लगाकर उन्हें नियमित रूप से गीला किया जा रहा है। साथ ही एक विशेष केयरटेकर को रानी और उसके शावकों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जयपुर में अब 8 से ज्यादा टाइगर
वर्तमान में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में आठ टाइगर मौजूद हैं, जिसमें आज जन्मे शावक शामिल नहीं हैं। विजयपाल सिंह ने बताया कि इन नवजात शावकों को करीब एक से डेढ़ साल बाद आधिकारिक गिनती में शामिल किया जाएगा, जब वे पूरी तरह से विकसित हो जाएंगे।
पिछले साल भी बनी थी मां
बाघिन रानी ने इससे पहले 10 मई 2024 को तीन शावकों को जन्म दिया था। हालांकि, उनमें से एक शावक की मृत्यु हो गई थी, जबकि दो शावक स्वस्थ हैं और पार्क में सुरक्षित हैं। रानी का यह नया विस्तार नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के लिए बेहद महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

- जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघिन रानी ने रविवार को पांच शावकों को जन्म दिया, जिसमें चार गोल्डन और एक सफेद शावक शामिल हैं।
- राजस्थान में पहली बार किसी बाघिन ने एक साथ पांच शावकों को जन्म दिया है, वन विभाग ने इसे ऐतिहासिक बताया।
- बाघिन और शावकों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और गर्मी से बचाने के लिए कूलर व टाट की व्यवस्था की गई है।
- वर्तमान में पार्क में 8 टाइगर हैं, इन नवजात शावकों को एक से डेढ़ साल बाद आधिकारिक गिनती में जोड़ा जाएगा।
- इससे पहले बाघिन रानी ने मई 2024 में तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से दो शावक अब भी स्वस्थ हैं।