हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आगामी मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए राज्यभर में चल रही अल्पकालिक परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी जरूरी कार्यों को 30 जून से पहले प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए, ताकि बारिश के दौरान किसी भी प्रकार की जलभराव या बाढ़ की स्थिति उत्पन्न न हो। सीएम ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ड्रेनों, माइनरों और नदियों की होगी गहराई से सफाई
मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जल संसाधन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी और शहरी स्थानीय निकाय विभागों के अधिकारियों को आदेश दिए कि राज्य की सभी ड्रेनों और माइनरों की तत्काल डिसिल्टिंग की जाए। उन्होंने कहा कि सरस्वती, मारकंडा और टांगरी नदियों की गहराई बढ़ाकर उनके रिवर बेड को मजबूत किया जाए, ताकि जलधाराओं का स्वाभाविक प्रवाह बरकरार रहे। इसके अलावा, ड्रेनों में उग आई जलकुंभी को भी तुरंत हटाने के आदेश दिए गए हैं, जिससे जल प्रवाह में कोई बाधा न हो।
पुराने खालों की होगी पहचान और मरम्मत की योजना
मुख्यमंत्री सैनी ने राज्यभर में 20 वर्ष से अधिक पुराने खालों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन पुराने खालों की सफाई और मरम्मत के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाई जाए, जिससे जलभराव की समस्याओं को रोका जा सके। इसके साथ ही, जनप्रतिनिधियों और उपायुक्तों को भी कार्यों की जानकारी समय-समय पर देने के लिए कहा गया है।
यमुना नदी में गंदे नाले बंद होंगे, उद्योगों पर नजर
राज्य सरकार ने यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यमुना में किसी भी प्रकार का गंदा पानी या इंडस्ट्रियल वेस्ट नहीं गिरने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां-जहां इंडस्ट्रीज द्वारा गंदा पानी बहाया जा रहा है, वहां तुरंत सीईटीपी (कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) लगाए जाएं। इसके अलावा, सीईटीपी से निकलने वाले शुद्ध जल का उपयोग सिंचाई में करने के लिए भी अलग व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
वाटर रिचार्जिंग स्ट्रक्चर होंगे तैयार, वर्षा जल का होगा संचयन
सीएम सैनी ने वाटर हार्वेस्टिंग और वाटर रिचार्जिंग स्ट्रक्चरों की सफाई और मजबूत करने के निर्देश भी दिए, जिससे वर्षा जल को संग्रहित कर भूजल स्तर को बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग इस दिशा में तालमेल से काम करें ताकि मानसून का अधिकतम लाभ राज्य को मिल सके।
209 अल्पकालिक परियोजनाएं स्वीकृत, कई पर काम जारी
बैठक के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में 282 करोड़ रुपए की लागत से 209 परियोजनाएं मंजूर की गई थीं। इनमें से 103 परियोजनाओं पर कार्य शुरू हो चुका है और बाकी प्रक्रियाधीन हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि 30 जून तक राज्य की सभी प्रमुख ड्रेनों की सफाई पूरी कर ली जाएगी।