मंगलवार, जून 17, 2025
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USA की धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया, RAW पर लगाए आरोपों को किया खारिज

भारत ने अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की रिपोर्ट को सख्ती से खारिज करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट पूर्वाग्रह से ग्रसित है और आयोग को खुद ‘चिंता का विषय’ घोषित किया जाना चाहिए।

भारत की सख्त प्रतिक्रिया

अमेरिकी पैनल द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पर सिख अलगाववादियों की हत्या की साजिश में कथित संलिप्तता को लेकर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई थी। इस पर विदेश मंत्रालय (MEA) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की लोकतांत्रिक छवि को कमजोर करने के किसी भी प्रयास को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “USCIRF की रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित और पक्षपाती है। यह धार्मिक स्वतंत्रता पर वास्तविक चिंता की बजाय एक एजेंडे को आगे बढ़ाने का प्रयास है।”

रिपोर्ट में क्या आरोप लगाए गए?

USCIRF की 2025 की वार्षिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2024 में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव के मामले बढ़े हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित ‘घृणास्पद बयानबाजी’ को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया गया है।

रिपोर्ट में भारत को धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए ‘विशेष चिंता का देश’ (CPC) घोषित करने की सिफारिश की गई है। अमेरिकी पैनल ने कहा कि भारत सरकार के कुछ तत्व धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को नजरअंदाज कर रहे हैं।

भारत का जवाब – USCIRF का मकसद संदिग्ध

विदेश मंत्रालय ने USCIRF की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह आयोग पूर्व में भी इसी तरह की पक्षपाती रिपोर्ट जारी करता रहा है। भारतीय सरकार ने साफ कहा कि अलग-अलग घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करना और भारत की बहुसांस्कृतिक समाजिक संरचना पर संदेह जताना USCIRF की जानबूझकर बनाई गई रणनीति का हिस्सा है।

भारत ने यह भी दोहराया कि धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता भारत की पहचान है और किसी भी बाहरी एजेंसी के निराधार आरोपों से इस सच्चाई को बदला नहीं जा सकता।

क्या होगा आगे?

भारत सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया के बावजूद USCIRF अपनी रिपोर्ट के आधार पर अमेरिकी प्रशासन से भारत पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश कर सकता है। हालांकि, अमेरिकी सरकार इस रिपोर्ट को अपनाएगी या नहीं, यह देखना होगा। भारत ने पहले भी इस तरह की रिपोर्टों को खारिज किया है और इस बार भी अपने रुख पर अडिग है।

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