जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व मंत्री महेश जोशी की अंतरिम जमानत याचिका पर गुरुवार को ईडी कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन अदालत ने फैसला सुरक्षित रखते हुए शुक्रवार तक टाल दिया है। महेश जोशी की ओर से 9 दिन की अंतरिम जमानत की मांग की गई है। इस बीच अंतरिम राहत की अवधि समाप्त होने पर जोशी ने जयपुर सेंट्रल जेल में आत्मसमर्पण कर दिया और गुरुवार की रात जेल में बितानी पड़ी।
रीति-रिवाजों के लिए मांगी गई राहत
महेश जोशी के वकील दीपक चौहान ने कोर्ट को बताया कि जोशी की पत्नी का हाल ही में निधन हुआ है और उनके अंतिम संस्कार से जुड़ी तेरहवीं संस्कार और अन्य धार्मिक विधियों में उनका उपस्थित रहना जरूरी है। वकील ने दलील दी कि बड़ी संख्या में लोग शोक संवेदना व्यक्त करने उनके निवास पहुंच रहे हैं, ऐसे में परिवार को उनके सहयोग की आवश्यकता है। इसी आधार पर 9 दिन की अतिरिक्त अंतरिम जमानत की अपील की गई।
24 अप्रैल को हुई थी गिरफ्तारी, मिली थी चार दिन की राहत
गौरतलब है कि ईडी ने 24 अप्रैल को महेश जोशी को गिरफ्तार किया था। रिमांड की अवधि पूरी होने पर कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था, लेकिन पत्नी की मृत्यु के कारण कोर्ट ने 28 अप्रैल को चार दिन की अंतरिम जमानत प्रदान की थी, जिसकी मियाद गुरुवार को समाप्त हो गई।
फर्जी सर्टिफिकेट से हासिल किए थे करोड़ों के टेंडर
900 करोड़ के इस बहुचर्चित घोटाले की जांच में सामने आया कि साल 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के जरिए जलदाय विभाग (PHED) से करोड़ों के टेंडर हासिल किए।
श्री गणपति कंपनी ने 68 निविदाओं में भाग लिया, जिनमें से 31 में L-1 बोलीदाता बनकर 859.2 करोड़ रुपए के टेंडर लिए। वहीं, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में भाग लेकर 73 में L-1 बनते हुए 120.25 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल किए।
ईडी, एसीबी और सीबीआई की कार्रवाई में तेजी
घोटाले के उजागर होने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पहले जांच शुरू की, जिसमें कई भ्रष्ट अधिकारियों की भूमिका सामने आई। इसके बाद ईडी ने जांच में सक्रियता दिखाई और महेश जोशी समेत अन्य आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी। बाद में CBI ने 3 मई 2024 को मामला दर्ज किया और ईडी ने अपनी जांच पूरी कर 4 मई को सभी दस्तावेज ACB को सौंप दिए।

- पूर्व मंत्री महेश जोशी ने जल जीवन मिशन घोटाले में 9 दिन की अंतरिम जमानत की अर्जी ईडी कोर्ट में लगाई।
- अदालत ने गुरुवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा है, जो शुक्रवार को सुनाया जाएगा।
- अंतरिम जमानत की मियाद खत्म होने पर जोशी ने जयपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया और रात जेल में बिताई।
- जमानत की मांग पत्नी की तेरहवीं संस्कार और रीति-रिवाज पूरे करने के लिए की गई है।
- ₹900 करोड़ के इस घोटाले में फर्जी सर्टिफिकेट से टेंडर हासिल करने के आरोप हैं, जिसमें कई ठेकेदारों और अधिकारियों की ईडी, एसीबी, और सीबीआई जांच जारी है।