मंगलवार, जून 17, 2025
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पाकिस्तान की दोहरी चाल बेनकाब: आतंकियों के जनाजे में शामिल हुई उनकी सेना, पुंछ के गुरुद्वारे पर हमला कर सिखों को बनाया निशाना

7 मई को भारत ने जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अंजाम दिया, उसे लेकर गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने एक और अहम ब्रीफिंग की. विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद रहीं. भारत ने साफ कहा कि ये हमला किसी जंग के लिए नहीं था, बल्कि एक जवाब था – आतंक के खिलाफ, उन ठिकानों के खिलाफ जहां साजिशें पनप रही थीं.

सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि पाकिस्तान में मारे गए आतंकियों के जनाज़े को राष्ट्रीय सम्मान दिया गया, उनके ताबूतों को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा गया, और वहां की सेना खुद शामिल हुई. इससे साफ हो गया कि पाकिस्तान आतंकियों को न सिर्फ छुपाता है, बल्कि खुलेआम उन्हें अपना हीरो भी बना रहा है.

पुंछ गुरुद्वारे पर हमला, सिख समुदाय बना निशाना

विक्रम मिसरी ने बताया कि पाकिस्तान की शह पर अब सिख समुदाय को भी टारगेट किया जा रहा है. पुंछ में एक गुरुद्वारे पर सीधा हमला किया गया जिसमें तीन सिखों की मौत हुई. कुल 16 नागरिकों की जान चली गई. ये हमला साफ करता है कि अब आतंकियों के निशाने पर सिर्फ सेना नहीं, आम नागरिक और अल्पसंख्यक भी हैं.

गलत जानकारी फैला रहा है पाकिस्तान

पाकिस्तान दुनिया को ये बताने की कोशिश कर रहा है कि भारत की कार्रवाई में आम नागरिक मारे गए, लेकिन भारत ने सबूतों के साथ दिखाया कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद केवल आतंकी ठिकानों को तबाह करना था. UNSC को TRF की भूमिका की जानकारी दी जा रही है, जिसने पहलगाम हमले की ज़िम्मेदारी ली थी. मिसरी ने बताया कि जब UNSC के बयान में TRF का नाम शामिल करने की बात आई, तो सिर्फ पाकिस्तान ने उसका विरोध किया – इससे ज़्यादा क्या सबूत चाहिए कि पाकिस्तान आज भी आतंकियों की ढाल बना हुआ है.

पाकिस्तान की ‘संयुक्त जांच’ महज़ दिखावा

पाकिस्तान बार-बार ‘संयुक्त जांच’ की बात करता है, लेकिन 26/11 और पठानकोट जैसे मामलों में उसने कुछ भी ठोस नहीं किया. मुंबई हमले के सबूतों पर भी उसने कार्रवाई नहीं की. भारत ने डीएनए रिपोर्ट्स से लेकर आतंकियों की पहचान तक की जानकारी दी, फिर भी पाकिस्तान खामोश रहा. मिसरी ने साफ कहा कि ये जांच की नहीं, समय टालने और खुद को बचाने की चाल है.

भारत का निशाना सिर्फ आतंकी ठिकाने, सैन्य ठिकानों पर हमला नहीं

कर्नल सोफिया कुरैशी ने साफ कहा कि भारत ने किसी भी सैन्य ठिकाने को नहीं छुआ. सारी कार्रवाई पहले से चेतावनी देकर की गई और मकसद सिर्फ देश की सुरक्षा था. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने इसके जवाब में 7-8 मई की रात को जम्मू, पठानकोट, अमृतसर और लुधियाना जैसे शहरों के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की. लेकिन भारत की एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया.

भारत की दुनिया से अपील: पाकिस्तान को बेनकाब करो

भारत ने पूरी दुनिया से साफ-साफ अपील की है कि अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान की चालों को पहचानो. वो अब भी आतंकियों की पनाहगाह है. चाहे वो ओसामा बिन लादेन का मामला हो या TRF का – सबूतों की कमी नहीं है, ज़रूरत है तो बस सख्त कार्रवाई की.

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक

  1. ऑपरेशन सिंदूर भारत की सोची-समझी जवाबी कार्रवाई थी, जिसका मकसद आतंकियों के ठिकानों को खत्म करना था, न कि जंग छेड़ना.
  2. पाकिस्तान में मारे गए आतंकियों को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटकर जनाज़ा देना और सेना की मौजूदगी से उसकी सच्चाई उजागर हुई.
  3. पुंछ के गुरुद्वारे पर हमला करके पाकिस्तान ने अल्पसंख्यकों को भी टारगेट करना शुरू कर दिया है.
  4. भारत ने UNSC को TRF और लश्कर जैसे संगठनों के बारे में सबूत दिए, लेकिन पाकिस्तान ने उनका नाम हटवाने की कोशिश की.
  5. भारत ने दुनिया से अपील की है कि पाकिस्तान की आतंक नीति को पहचानो और उसे इंटरनेशनल लेवल पर बेनकाब करो.
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