चुनाव आयोग ने 7 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाBy-elections 2025व कराने का ऐलान कर दिया है. इन सभी सीटों पर मतदान बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के साथ ही 6 और 11 नवंबर को कराया जाएगा, जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. इन उपचुनावों का कारण कहीं नेताओं का निधन है तो कहीं इस्तीफे या अयोग्यता का मामला. आयोग का कहना है कि सभी राज्यों में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सख्त सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे.
7 राज्यों में 8 सीटों पर उपचुनाव की तारीखें तय
चुनाव आयोग ने सोमवार को 7 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने का ऐलान किया. आयोग ने बताया कि उपचुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. यह उपचुनाव बिहार विधानसभा चुनाव के साथ कराए जाएंगे ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग और सुरक्षा व्यवस्था एकसाथ लागू की जा सके. आयोग ने कहा कि सभी राज्यों में मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराई जाएगी और स्थानीय प्रशासन को इसके लिए पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
किन राज्यों में होंगी उपचुनाव की सीटें
जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, झारखंड, तेलंगाना, पंजाब, मिजोरम और ओडिशा में ये उपचुनाव होंगे. जम्मू-कश्मीर की बडगाम और नागरोटा सीटें उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे और देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण खाली हुईं. राजस्थान की अंत सीट कंवरलाल के अयोग्य ठहराए जाने से रिक्त है. झारखंड की घाटसिला सीट पर विधायक रामदास सोरेन के निधन के बाद उपचुनाव होगा. तेलंगाना की जुबली हिल्स, पंजाब की तरन तारन, मिजोरम की डांपा और ओडिशा की नुआपाड़ा सीटें भी प्रतिनिधियों के निधन के कारण खाली हुई हैं.
क्यों जरूरी हैं ये उपचुनाव
चुनाव आयोग के मुताबिक, उपचुनाव लोकतंत्र की निरंतरता बनाए रखने के लिए जरूरी हैं. जब किसी सीट पर निर्वाचित प्रतिनिधि इस्तीफा देते हैं या उनका निधन हो जाता है, तो जनता को फिर से अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार देना संविधान की मूल भावना है. आयोग ने बताया कि इन उपचुनावों के जरिए संबंधित राज्यों में प्रशासनिक और जनप्रतिनिधिक संतुलन बहाल होगा. राजनीतिक रूप से भी ये उपचुनाव अहम हैं क्योंकि कई जगहों पर सत्तारूढ़ दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
सुरक्षा और निगरानी के सख्त इंतजाम
आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मतदान प्रक्रिया पर सख्त निगरानी रखी जाए. सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे और वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी. संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती होगी और मतगणना केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा दी जाएगी. आयोग ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और आचार संहिता का पूरी तरह पालन करें.
उपचुनाव से बदल सकते हैं राजनीतिक समीकरण
इन 8 सीटों के उपचुनाव से कई राज्यों में राजनीतिक गणित बदल सकता है. राजस्थान, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में विपक्षी दल इस मौके को अपनी पकड़ मजबूत करने के रूप में देख रहे हैं, वहीं तेलंगाना और पंजाब में सत्ताधारी दलों की साख दांव पर है. जम्मू-कश्मीर में भी इन चुनावों को स्थानीय राजनीति में नया मोड़ माना जा रहा है. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इन नतीजों का असर आगे आने वाले लोकसभा चुनावों तक देखने को मिल सकता है.

- 7 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे.
- मतदान 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे.
- नतीजे 14 नवंबर को बिहार चुनाव के साथ घोषित किए जाएंगे.
- उपचुनाव नेताओं के निधन, इस्तीफे या अयोग्यता के कारण हो रहे हैं.
- इन नतीजों से कई राज्यों में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं.

