पाकिस्तान ने पहली बार अपने खनिज संसाधनों से निकाले गए रेयर अर्थ मिनरल्स की खेप अमेरिका भेजी है. यह खेप अमेरिकी कंपनी US Strategic Minerals के साथ हुए समझौते के तहत भेजी गई है. इस सौदे को लेकर पाकिस्तान के अंदर राजनीतिक हलचल मच गई है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी PTI ने सरकार पर “सीक्रेट डील” करने का आरोप लगाया है और सभी समझौतों को सार्वजनिक करने की मांग की है. पाकिस्तान में विपक्ष इसे राष्ट्रीय संसाधनों की नीलामी बता रहा है, जबकि सरकार इसे आर्थिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम बता रही है.
अमेरिका को भेजी गई रेयर अर्थ मिनरल्स की पहली खेप
पाकिस्तान ने इतिहास में पहली बार अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स और अन्य अहम खनिजों की खेप भेजी है. रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें एंटिमनी, कॉपर कॉन्सन्ट्रेट, नियोडाइमियम और प्रसीओडाइमियम जैसे दुर्लभ तत्व शामिल हैं. यह खेप अमेरिकी कंपनी US Strategic Minerals (USSM) के साथ हुए समझौते का हिस्सा है. पाकिस्तान के फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन (FWO) के सहयोग से यह सैंपल तैयार किए गए. अमेरिका ने इस सौदे को दोनों देशों के बीच “रणनीतिक साझेदारी की नई शुरुआत” बताया है, जबकि पाकिस्तान के अंदर विपक्षी दल इसे “राष्ट्रीय संपत्ति की बिक्री” कह रहे हैं.
4200 करोड़ रुपये का सौदा और अमेरिकी निवेश
सितंबर 2025 में पाकिस्तान और अमेरिकी कंपनी USSM के बीच 50 करोड़ डॉलर यानी करीब 4200 करोड़ रुपये के निवेश का समझौता हुआ. इस MoU के तहत अमेरिका पाकिस्तान में खनिज प्रोसेसिंग और डेवलपमेंट की सुविधाएं स्थापित करेगा. कंपनी का दावा है कि यह डील खनिजों की खोज से लेकर रिफाइनिंग तक की पूरी वैल्यू चेन को कवर करती है. अमेरिका के ऊर्जा विभाग के मुताबिक, रेयर अर्थ मिनरल्स आधुनिक तकनीक, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सैन्य उपकरणों में अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में यह साझेदारी अमेरिका के लिए भी रणनीतिक मायने रखती है.
ट्रंप-मुनीर मीटिंग और “खनिज डिप्लोमेसी”
इस डील के कुछ दिन बाद व्हाइट हाउस में एक तस्वीर जारी हुई जिसमें पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रेयर अर्थ मिनरल्स के सैंपल दिखा रहे थे. उनके साथ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे. यह तस्वीर पाकिस्तान में बड़े विवाद का कारण बनी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने ट्रंप प्रशासन को अपने अब तक अनएक्सप्लोर्ड खनिज रिजर्व से लुभाने की कोशिश की है. अनुमान है कि पाकिस्तान के पास करीब 6 खरब डॉलर के खनिज भंडार हैं, हालांकि कई विदेशी कंपनियां पहले भी खोज करने आईं लेकिन सफल नहीं हुईं.
PTI का आरोप – “सीक्रेट डील्स को सार्वजनिक किया जाए”
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने सरकार से अमेरिकी कंपनियों के साथ हुए सभी समझौतों को सार्वजनिक करने की मांग की है. पार्टी के प्रवक्ता शेख वक्कास अकराम ने कहा कि संसद और जनता को बताया जाए कि रेयर अर्थ मिनरल्स के सौदे में असली शर्तें क्या हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह समझौता सिर्फ 50 करोड़ डॉलर का नहीं, बल्कि इसमें पाकिस्तान की जमीन और संसाधनों का बड़ा हिस्सा गिरवी रखा गया है. PTI ने चेतावनी दी है कि अगर यह डील राष्ट्रीय हितों के खिलाफ हुई तो देश की आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है.
पासनी पोर्ट को लेकर नया विवाद
PTI ने यह भी आरोप लगाया है कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान के पासनी पोर्ट को अमेरिका को सौंपने की तैयारी कर रही है. यह पोर्ट चीन के नियंत्रण वाले ग्वादर पोर्ट के पास है. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने यह प्रस्ताव राष्ट्रपति ट्रंप को अरब सागर तक पहुंच के बदले दिया है. यह इलाका भारत के ईरान स्थित चाबहार पोर्ट के भी करीब है. विपक्ष का कहना है कि ऐसे “एकतरफा और गुप्त समझौते” देश की सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डाल सकते हैं.

- पाकिस्तान ने अमेरिका को पहली बार रेयर अर्थ मिनरल्स की खेप भेजी है.
- यह खेप अमेरिकी कंपनी US Strategic Minerals के साथ हुए समझौते का हिस्सा है.
- PTI ने सरकार पर सीक्रेट डील करने का आरोप लगाया और जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की.
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान अमेरिका को पासनी पोर्ट देने की तैयारी में है.
- इस डील को लेकर पाकिस्तान की राजनीति और सुरक्षा हलकों में विवाद तेज हो गया है.

