पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए देश के 59 सांसदों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल बुधवार को 33 देशों की यात्रा पर रवाना होगा। यह भारत का एक कूटनीतिक अभियान है। जिसके जरिए वह दुनिया के सामने पाकिस्तान की हकीकत रखेगा। इस विशेष मिशन का उद्देश्य है– पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करना और भारत की सधी हुई सैन्य कार्रवाई का पक्ष वैश्विक मंच पर मजबूती से रखना। यह प्रतिनिधि मंडल 33 देशों की राजधानियों में जाकर अपनी बात रखेगा।
ये सभी सांसद सात अलग-अलग टीमों में बंटे हुए हैं और उनके साथ आठ पूर्व राजनयिक भी रहेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय विमर्श को रणनीतिक धार देंगे। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मंगलवार को सभी सांसदों को इस विशेष दौरे की ब्रीफिंग दी, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि और इसके पांच अहम संदेशों पर विस्तार से चर्चा की गई।
दुनिया तक पहुंचेंगे ऑपरेशन सिंदूर के 5 बड़े संदेश
भारत की इस पहल में सांसद वैश्विक नेताओं और मंचों के सामने पांच अहम संदेश प्रमुखता से रखेंगे:
1. आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति
सांसद यह संदेश देंगे कि ऑपरेशन सिंदूर केवल आतंकी गुटों और उनके ठिकानों पर केंद्रित था। इसमें नागरिकों को नुकसान न पहुंचे, इसका विशेष ध्यान रखा गया। पाकिस्तान की सेना ने इसे भारत के खिलाफ हमला मानते हुए जवाबी कार्रवाई की, लेकिन भारत ने सैन्य संयम दिखाया।
2. पाकिस्तान की आतंक को खुली शह
प्रतिनिधिमंडल के पास पुख्ता प्रमाण हैं कि हालिया पहलगाम आतंकी हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा अंजाम दिया गया था। सांसद इससे पहले हुए हमलों के भी प्रमाण ले जा रहे हैं।
3. जिम्मेदार और सधा हुआ भारत
भारत की सैन्य कार्रवाई इस बात का प्रतीक है कि देश ने जिम्मेदारी से कदम उठाया। पाक की ओर से जब शांति की अपील आई, भारत ने उसे तत्परता से माना।
4. आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की अपील
सांसद इन मुलाकातों में आतंक के खिलाफ एकजुट होने की अपील करेंगे। उन्हें उम्मीद है कि ये देश भारत-पाक मुद्दे को दो देशों का विवाद न मानकर वैश्विक आतंक के विरुद्ध लड़ाई के रूप में देखेंगे।
5. पाकिस्तान के प्रति बदली भारत की रणनीति
भारत अब सीमा पार से होने वाले खतरों को नज़रअंदाज़ नहीं करेगा। सांसद यह स्पष्ट संदेश देंगे कि भारत अब प्रो-एक्टिव अप्रोच अपनाते हुए पहले ही आतंकी गतिविधियों को निष्क्रिय करेगा।
TMC में बदलाव: यूसुफ पठान की जगह अभिषेक बनर्जी
टीएमसी सांसद यूसुफ पठान को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने पर पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय पार्टी से पूछे बिना लिया। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने हस्तक्षेप कर ममता से बातचीत की और फिर यूसुफ पठान की जगह अभिषेक बनर्जी का नाम फाइनल किया गया।
कांग्रेस को मिला सिर्फ एक स्थान, पार्टी ने जताया ऐतराज़
कांग्रेस ने इस प्रतिनिधिमंडल के लिए चार नाम भेजे थे– आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और राजा वड़िंग। लेकिन केंद्र ने इनमें से सिर्फ आनंद शर्मा को ही टीम में शामिल किया। कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की ‘निष्ठाहीनता’ करार देते हुए विरोध दर्ज किया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि गंभीर राष्ट्रीय मुद्दे पर भी सरकार सस्ती राजनीतिक चालें चल रही है। उन्होंने बताया कि संसदीय कार्यमंत्री ने खुद कांग्रेस अध्यक्ष और नेता विपक्ष से सांसदों के नाम मांगे थे, लेकिन तीन नामों को दरकिनार कर दिया गया।